प्रखर व्यक्तित्व के धनी: दीनदयाल शर्मा
मझली कद काठी, सरल लेकिन सुग्राही दृष्टि के सामान्य चेहरा लेकिन तीक्ष्ण बुद्धि के धनी श्री दीनदयाल शर्मा में बच्चों का सा उत्साह और उन्हीं का सा हठ है।
हँसने-हँसाने को हमेशा आतुर अति संवेदनशील, जल्दी रूठने और मानने वाले। लम्बे संघर्ष के बाद भी युवकों जैसा जीवट लिए, युवाओं व प्रौढ़ों के मित्र, वृद्धजन के स्नेही और बच्चों के सखा।
हृदय में उठी बात को आखिर कह देने को बेबस। उनके पूरे व्यक्तित्व को शब्दों में बांधना, उफनती नदी पर बांध बनाने के समान है। कहना मुश्किल है कि बाल साहित्य उनका लेखन है या जुनून।
अपने घेरे से बाहर जाकर दूसरों की सहायता कर देना अथवा किसी गलत बात का तीव्र विरोध कर देना उनकी स्वआवृतियां हैं। बच्चों के साहित्य लेखन के लिए जैसा मन और स्वभाव चाहिए उसी के धनी श्री दीनदयाल शर्मा इस यज्ञ में अपनी आहुतियां निरंतर दे रहे हैं। मैं इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ ।
हँसने-हँसाने को हमेशा आतुर अति संवेदनशील, जल्दी रूठने और मानने वाले। लम्बे संघर्ष के बाद भी युवकों जैसा जीवट लिए, युवाओं व प्रौढ़ों के मित्र, वृद्धजन के स्नेही और बच्चों के सखा।
हृदय में उठी बात को आखिर कह देने को बेबस। उनके पूरे व्यक्तित्व को शब्दों में बांधना, उफनती नदी पर बांध बनाने के समान है। कहना मुश्किल है कि बाल साहित्य उनका लेखन है या जुनून।
अपने घेरे से बाहर जाकर दूसरों की सहायता कर देना अथवा किसी गलत बात का तीव्र विरोध कर देना उनकी स्वआवृतियां हैं। बच्चों के साहित्य लेखन के लिए जैसा मन और स्वभाव चाहिए उसी के धनी श्री दीनदयाल शर्मा इस यज्ञ में अपनी आहुतियां निरंतर दे रहे हैं। मैं इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ ।
राजेन्द्रकुमार डाल,
आई-242, न्यू सिविल लाइन्स,
हनुमानगढ़ जं.-335512
मो. 09950815190
बच्चों के अखबार "टाबर टोळी " से साभार...
Edition : 16 - 31 March , 2010
SIR , MERI KALA KO SAVARNE ME AAPKA BHI YOGDAAN RAHA HAI ..ISKE LIYE MAIN HAMESHA AABHARI RAHUNGA .
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